“हम टीचर के प्यारे “
हम टीचर के प्यारे है ,
उनके लाड़ दुलारे है।
उनकी आँखो के तारे है.
हम सब उनको प्यारे है।
आप देते हो, हमको शिक्षा,
फिर लेते हो, हमारी परीक्षा,
इस सब में छुपा है,
आप का असीम प्यार,
इसी प्यार से करते हो,
हमारे जीवन का विस्तार
ज्ञान का रूप गुरु है,
शिक्षा के भगवान का रूप गुरु है,
राह दिखें वाला गुरु है
मंजिल तक फुचने वाला गुरु है।
small poem on teacher in hindi
गुरु बिन न
ज्ञान मिले.
गुरु बिन न
दिशा निर्देश
गुरु ही सर्वोपरि है,
गुरु ही
ब्रह्मा विष्णु महेश
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते हैं |
जीवन क्या हैं, समझाते हैं |
वही तो हमारे सच्चे गुरू कहलाते हैं|
व्यार्थ जीवन के राही होते,
“आप ना होते तो हम ना होते,
क्या दुनिया में हम कुछ ना होते हैं
अगर आपके दिए सबक ना होते।
प्रणाम मेरे अध्यापक
प्रणाम मेरे अध्यापक
प्रणाम मेरे उद्वारक
जननी और जनक से
ज्यादा आपका सम्मान है.
मेरा होना इत्तिफाक
हो सकता है लेकिन
मेरा बनना तो आप की
• साधना का परिणाम है.
मेरे जैसे शून्य को ‘शून्य’ का
ज्ञान बताया
हर अंक के साथ ‘शून्य’ जुड़ने
का महत्व समझाया
जीने की कला सिखाते शिक्षक
ज्ञान की कीमत बताते शिक्षक
किताबों के होने से कुछ नहीं होता,
अगर मेहनत से नहीं पढ़ाते शिक्षक
शिक्षा से बडा कोई वरदान नहीं है,
गुरु का आशीर्वाद मिले
इससे बडा कोई सम्मान नहीं है.
गुरू ज्ञान की दीप की ज्योति से
मन आलोकित कर देता हैं,
विद्या का धन देकर
जीवन सुख से भर देता हैं,
प्रणाम गुरू को जो ज्ञान की खुशबू
से जीव भर देता है.
आज भी नम हो जाती यह आँखे
जब बात विद्यालय की आती है
आज भी जब निराश होती हु
तो आपकी कही हुयी हर बात
बात याद आती है
क्योंकि विद्याधन से
अमूल्य कुछ भी नही
और गुरु जैसा इस दुनिया
मे और कोई नही।